5th September, 2015 | http://www.jagran.com/uttar-pradesh/sonbhadra-12841763.html

दुद्धी (सोनभद्र): उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर आबाद अमवार में 2239 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन कनहर सिचाई परियोजना से छत्तीसगढ़ के आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों की भूमिधरी, वनभूमि व शासकीय संपत्तियों के मुआवजा राशि का खाका वहां के अधिकारियों ने तैयार कर लिया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के जल संसाधन संभाग बैकुंठपुर के कार्यपालन अभियंता ने डूब क्षेत्र की क्षतिपूर्ति के लिए 38.22 करोड़ रुपये मुआवजा राशि निर्धारण कर उसे अनुमोदन हेतु शीर्ष अधिकारियों के यहां भेज दिया है। उनकी संस्तुति मिलने के बाद शासन स्तर पर मुआवजा राशि के लेन-देन की प्रकिया शुरू हो जाएगी।

शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर डाक बंगले में वहां के कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम व यूपी कनहर परियोजना खंड तीन के अधिशासी अभियंता विजय कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में हुए बैठक में मुआवजा राशि व विस्थापन संबंधी कई अन्य समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई। दोनों ओर के अधिकारियों ने पूरी मुश्तैदी के साथ अपने-अपने क्षेत्रवासियों की समस्याओं को प्रमुखता से रखा। वहां के इंजीनियरों की टीम ने आंशिक रूप से प्रभावित होने वाले आधा दर्जन गांवों में आबाद आबादी, निजी व सरकारी संपत्तियों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए उसके रेट निर्धारण आदि की प्रकिया के बाबत यहां के इंजीनियरों को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। बताया गया कि इंजीनियर स्तर पर हुई वार्ता काफी हद तक सकारात्मक रही। परियोजना निर्माण को लेकर दोनों प्रांतों के अधिकारियों में काफी उत्साह देखा गया। इंजीनियर राम ने बताया कि कनहर परियोजना से क्षति होने वाली निजी व सरकारी संपत्तियों का खाका तैयार कर उसका मूल्य निर्धारण कर दिया गया। उसे स्वीकृत करने हेतु पत्रावली विभागीय शीर्ष अधिकारियों के माध्यम से शासन को भेजी जा रही है। इसके बाद यूपी व छत्तीसगढ़ के बीच मुआवजा राशि का विधिक रूप से आदान-प्रदान होगा।