17th July, 2015 | http://www.jagran.com/jharkhand/garhwa-12612623.html
गढ़वा : कनहर नदी में आया बाढ़ का पानी शनिवार को भी उफान मार रहा है। हालांकि एक दिन पूर्व की तुलना में शनिवार को कनहर नदी में बाढ़ का पानी कुछ घटा तो जरूर है। बावजूद इसके उच्च विद्यालय गोदरमाना तथा स्वास्थ्य उपकेंद्र गोदरमाना का परिसर अभी भी जलमग्न है। लोग कनहर में आई बाढ़ के पानी के घटने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक-दो दिन बरसात नहीं होती है तो बाढ़ का पानी कम हो जाएगा।
इधर गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड में भी कोयल नदी में आया बाढ़ तबाही मचाए हुए हैं। कोयल नदी में आई बाढ़ के कारण कांडी प्रखंड के गाड़ाखूर्द, बनकट, सुंडीपुर आदि गांवों में भारी तबाही मची हुई । यहां किसानों द्वारा खेत में लगाये गए फसल व सब्जी कोयल नदी में आई बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो गई है। जबिक सत्यनरायण ठाकुर के 8 मवेशी कोयल के बाढ़ में बह गये हैं।
शहर में नहीं सुधरी हालत
दो दिनों से बरसात नहीं होने के बावजूद गढ़वा शहर के कई क्षेत्र अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। जल जमाव की निकासी को लेकर अभी तक नगर पंचायत की ओर से किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। नतीजा है कि पिपराकला, चिनियां रोड, दिपुवां मोहल्ला, अशोक बिहार जोबरईया, सहिजना आदि मोहल्ले में अभी भी कई जगहों पर जल-जमाव की स्थिति बनी हुई है। जल-जमाव के कारण लोगों को आवागमन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों तथा महिलाओं को जल-जमाव वाले इलाके से आवाजाही करने में हो रही है। नौकरीपेशा लोग तो मोटरसाइकिल से आना-जाना कर ले रहे हैं। लेकिन पैदल चलने वाले लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।