प्रशासनिक सुधार और शिकायत विभाग, भारत सरकार द्वारा मुंबई में आयोजित 23 वां राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में i. उत्तर-पूर्वी राज्यों + पर्वतीय राज्यों, ii. संघ राज्य क्षेत्रों (दिल्ली सहित) iii. अन्य राज्यों में ई-गवर्नेंस में जिला स्तरीय उत्कृष्ठ पहल के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार, 2019-2020 (जूरी), पर्यावरण और वन विभाग, अरुणाचल प्रदेश के ई-फ़ारेस्ट फायर - हिमालय वनाग्नि पूर्वानुमान (eForest Fire-Himalayan Forest Fire Prediction) के लिए विंध्य बचाओ कार्यकर्ता एवं वैज्ञानिक श्री फिरोज अहमद को प्रदान किया गया।
श्री फिरोज अहमद के साथ श्री अब्दुल कयुम (तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी, तवांग, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश), श्री प्रदीप मिश्रा (उप वन-संरक्षक), डॉ राकेश आर्य, श्री राजेश कुमार सिंह (प्रमुख मुख्य वन संरक्षक) , आदि ने मिल कर पर्यावरण और वन विभाग, अरुणाचल प्रदेश के लिए ई-फ़ारेस्ट फायर - हिमालय वनाग्नि पूर्वानुमान के लिए मोबाईल एप एवं वेब आधारित पोर्टल का निर्माण किया। ई-फ़ारेस्ट फायर एक आग सूचना तंत्र है जो ई-गवर्नेंस को गांव तक बढ़ावा देने के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ बनाया गया है। इस एप में नागरिकों द्वारा डेटा साझा किए जाने के बाद हर बार भविष्यवाणी को अपडेट करता है जिससे अब तक अरुणाचल प्रदेश मे आग की घटनाओं मे एक तिहाई की कमी दर्ज की गई है।
हिमालय क्षेत्रों मे वन-अग्नि का भौगोलिक, सामाजिक-आर्थिक और मौसम से संबंधों पर आधारित श्री फिरोज अहमद (विंध्य बचाओ), लक्ष्मी गोपराजू (विंध्य बचाओ) और श्री अब्दुल कयुम (वन विभाग) द्वारा लिखित एक शोध पत्र अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका ‘स्पेशियल इन्फॉर्मेशन रिसर्च (स्प्रिंगर)’ में वर्ष 2018 मे प्रकाशित हुई थी। भारत में 50% वनों को आग लगने का खतरा रहता है इसलिए वनों की आग की निगरानी और प्रबंधन अत्यावश्यक है। अध्ययन में हिमालई वनों की आग के लक्षण और मौसम संबंधी विषयगत तथ्यों के साथ संबंधों के मूल्यांकन के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया था जिस को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहा गया ।
इस परियोजना को आगे बढ़ाने का मुख्य उदेश्य स्थानीय कारकों जैसे गरीबी, जनसंख्या घनत्व, वन कवर, वन प्रकार, तापमान, वर्षा, ढलान और ऊंचाई के अध्ययन से जंगल की आग के शुरुआत के केंद्र का पता लगाना। इस एप का उपयोग कर के वन कर्मी एवं प्रसाशन को अग्नि नियंत्रण के उपायों जैसे फायर लाइन्स, वॉच टावरों आदि को उचित समय और स्थान पर लगाने मे मदद मिलेगी।
श्री फ़िरोज़ अहमद जी इस पुरस्कार के लिए सरकार एवं वन विभाग अरुणाचल प्रदेश को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, ‘ “इस प्रयोग को भारत के दूसरे राज्यों में भी लागू करना चाहिए। इस तकनीक से हम जंगल में आग लगने की घटनाओं को बहुत ही सटीकता के साथ पूर्व-सूचित कर जंगल, जीव-जंतुओं एवं आसपास के गाँव वालों पर पड़ने वाले प्रभाव को काम कर सकते हैं।”
विंध्य बचाओ के सह-संस्थापक एवं मिर्ज़ापुर के वरिष्ठ पत्रकार श्री शिव कुमार उपाध्याय जी ने फ़िरोज़ जी को बधाइयां दी है और विंध्य बचाओ के लिए गर्व की बात कही है। उन्होंने मिर्ज़ापुर में जंगली आग के रोकथाम के लिए प्रशासन से इस तरह के अनुसंधान एवं प्रयोग को बढ़ावा देने की गुज़ारिश की।