शहर से पकड़ कर बरकछा के आसपास छोड़े गए बंदर अब ग्रामीणों को परेशान कर रहे है। बंदर बच्चों व महिलाओं पर हमला भी कर देते है। यही नहीं अब तो घरों में घुस कर महिलाओं को डरा धमका कर रसोई घर में घुस जा रहे हैं और बना बनाया भोजन चट कर जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शहर से पिछले साल पकड़े गए बंदर जंगल में छोड़े गए। वही बंदर अब गांवों में पहुंच कर आतंक का पर्याय बने हुए हैं।
सिटी ब्लाक के भिस्कुरी गांव के लोग कुछ ज्यादा ही त्रस्त हैं। अब हद तो यह हो रहा है कि महिलाओं व बच्चों को भोजन करते देख पहुंच जाते हैं। डराकर थाली का भोजन भी छीनकर खा जा रहे हैं। उग्र हो रहे बंदरों से हर कोई भयभित है। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले साल मथुरा से आए बंदरं पकड़ने वालों ने बंदरों को पकड़ा। पिंजरे में बंद कर बंदरों को टाडाफॉल, बरकछा आदि के जंगलों में छोड़ दिया गया। यही छोड़ गए बंदर पुन: जंगलों की खाक छानते गांवों में पहुंच गए हैं। बंदरों ने ग्रामीणों को जीना हराम कर रखा है। भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ट के संयोजक प्रतोष दूबे ने बंदरों को पकड़वा कर ग्रामीणों को सुरक्षा दिलाने की मांग की है।
स्रोत- https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/mirzapur/story-the-monkeys-left-in-the-jungles-caught-from-the-city-are-creating-terror-in-the-villages-5309658.html