Vindhyan Ecology and Natural History Foundation- Animated Header

 
मड़िहान थाना क्षेत्र के देवपुरा ग्राम में मगरमच्छों के दहशत से ग्रामीण भयभीत हैं। शाम के वक्त सामुदायिक शौचालय में भी शौच के लिए जाने से डरते हैं ग्रामीण। क्योंकि मगरमच्छ शाम के समय तालाबों से निकलकर भोजन की तलाश में बस्ती में प्रवेश कर जाते हैं और पालतू जानवरों को अपना निवाला बना रहे हैं। इसलिए ग्रामीण शाम को शौचालय जाने वाले रास्ते को बंद कर दिए हैं और बच्चों पर विशेष निगरानी रख रहे हैं।
 
देवपुरा गांव में गांव के बीचो बीच तीन तालाब हैं, इन तीनों तालाबों में एक-एक मगरमच्छ ने अपना डेरा डाल रखा है। पिछले 15 दिनों में इन मगरमच्छों ने एक दर्जन पशुओं को अपना निवाला बनाया है। जिसमें लाल दास पुत्र भुवर सिंह की एक गाय, माखनलाल पुत्र मुंडे की दो बकरी, छगन लोलर पुत्र बनवारी की चार-चार बकरियां के साथ आधा दर्जन कुत्तों को मगरमच्छों ने अपना निवाला बनाया है। मगरमच्छों के पालतू जानवरों को निवाला बनाने  से तालाब का पानी पूरा प्रदूषित हो गया है।
 
मछली पालन किए पोखरे को पट्टे पर लिए पट्टेदार शीलवंत सिंह ने बताया कि मगरमच्छ लाखों रुपए की मछलियों को चट कर चुके हैं। मगरमच्‍छ की वजह से उन्हें काफी आर्थिक क्षति हो रही है। वहीं ग्राम प्रधान पंकज पटेल ने बताया कि तालाब के भीटे पर सामुदायिक शौचालय बना है। लोग डर के मारे सामुदायिक शौचालय में भी शौच के लिए नहीं जा रहे हैं। क्योंकि, जिस तरह से मगरमच्छ पालतू जानवरों को पकड़कर तालाब में ले जा रहा है उससे लोग बहुत भयभीत हैं। दहशत का आलम यह है कि लोग अपने छोटे बच्चों को तो बिल्कुल अकेला नहीं छोड़ रहे हैं। दीपावली के दिन चार पशुओं को पकड़ कर मगरमच्‍छ तालाब में ले गया और कीचड में गाड़ दिया। दो दिन बाद दो बकरियां सड कर पानी में ऊपर आ गईं और पूरा तालाब बदबू दे रहा है। ग्रामीणों के अनुसार कई बार रेंज अधिकारी से कहा जा रहा है पर उनके कान पर जूं नहीं रेंग रही है।
 
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन शायद किसी बड़े घटना के इंतजार में है। वहीं सिरसी वन रेंज के रेंज अधिकारी पप्पू राम ने बताया कि तालाब में बहुत अधिक पानी है और मगरमच्छ को पकड़ने का कोई आधुनिक संसाधन नहीं उपलब्‍ध है। इसलिए जब तक तालाब में पानी कम नहीं होगा तब तक उसे पकड़ना मुश्किल है। हालांकि, लोगों से सतर्क रहने की अपील की जा रही है। 
 
स्रोत- https://www.jagran.com/uttar-pradesh/varanasi-city-terror-of-crocodiles-in-mirzapur-due-to-panic-villagers-are-imprisoning-themselves-in-the-house-as-soon-as-evening-22184387.html

Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur