पहाड़ी ब्लाक में शिष्टा कला गांव में लगातार तीसरे दिन बाघ दिखने से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना रहा। क्षेत्र में बाघ दिखने से ग्रामीणों के अंदर डर बना रहा। खेतों में काम करने की कौन कहे लोग नित्य क्रिया करने के लिए भी बाहर नहीं निकल रहे है। मामले की जानकारी होने पर कानपुर से आई टीम ने पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों के साथ रविवार को हाथी पर बैठकर दिनभर बाघ की तलाश में जंगलों की खाक छानते रहे लेकिन बाघ नहीं मिला। मड़िहान थाना क्षेत्र के शिष्टा खुर्द गांव में 17 मार्च शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय के पीछे स्थित अरहर के खेत में देखा गया था। जिसे पकड़ने आई कानपुर की टीम ने खोजबीन करने के बाद वापस लौटने की पुष्टि कर दी थी। लेकिन शनिवार की रात आठ बजे गांव के गुलाब और अमरेश ने नदी में पानी पीकर उसे जाते देखा तो हैरान हो गए। शोर मचाने पर भारी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। ग्रामीणों को देखते ही बाघ जंगल की ओर भाग निकला। मामले से पुलिस और वन विभाग को अवगत कराने पर अधिकारियों ने सुबह हाथी मंगवाकर बाघ को खोजने की बात कही।सुबह करीब आठ बजे हाथी आने पर मड़िहान रेंजर आरसी पाठक कानपुर चिड़ियाघर से आए डाक्टर आरके सिंह तथा पड़री थानाध्यक्ष यूपी सिंह के साथ ट्रेेंकोलाइजर गन, पिजड़ा आदि उपकरण लेकर बाघ को पकड़ने जंगल की ओर निकले। लगभग छह घंटे तक शिष्टा खुर्द, महुवारी, बसहा व बैरहवां इलाके में बाघ की खोजबीन की लेकिन बाघ नहीं मिला। वन विभाग ने ग्रामीणों को बाघ देखते ही शोर मचाने के बजाय सूचना देने को कहा है।
स्रोत- https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/mirzapur/then-show-tiger-stingy-breath