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मड़िहान (मीरजापुर) : सिरसी रेंज में वनों का कटान नहीं थम पा रहा है। हालत यह है कि ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई न होने से भूमाफियाओं का हौसला बढ़ा है। कटान से वन क्षेत्र सिकुड़ते के साथ पर्यावरण पर संकट गहराने लगा है। सूचना दिए जाने के बावजूद विभागीय अधिकारी कटान रोकने व कार्रवाई करने की बजाय चुप्पी साधे हुए हैं।सिरसी रेंज के हर्दी कला, गढ़वा, ¨सहवान, शेरूवां के जंगल में तेजी से पेड़ व झाड़ियां काट कर खेत बनाए जा रहे हैं। इस जंगल में कीमती लकड़ी पहले से गायब हो चुकी है। अब केवल झाड़ियां ही बची हैं। इन पर भी आफत आ गई है। भू माफिया इन झाड़ियों को कटवा कर वहीं छोड़ देते हैं। दो-चार दिन में झाड़ियां सूख जाती है तो उसमें आग लगा दी जाती है। आग लगने के बाद पूरा सिवान साफ हो जाता है। उसके बाद ट्रैक्टर से उसकी जोताई कर खेत बना लिया जाता है। इन गांवों में अब तक हजारों बीघा वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती हो रही है। बाद में भू माफिया इन जमीनों को गैर जनपदों से आने वाले लोगों को बेचकर किनारे हो जाते हैं। एक समय इस जंगल में भालू, चिता, जंगली सूअर, हिरन का बसेरा हुआ करता था। बाद में मीरजापुर- सोनभद्र मार्ग का निर्माण होने पर वाहनों के आने-जाने से जंगली जानवरों पर मानो आफत आ गई। सड़क होने से शिकारी भी सक्रिय हो गए। इससे इन जानवरों को मारा जाने लगा। भालू, सुअर व हिरन तो अब भी हैं लेकिन वे यदा- कदा ही दिखाई देते हैं। इस जंगल के किनारे की आबादी जंगल काट कर आगे बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है ग्राम प्रधान व वन कर्मियों की मिलीभगत से यह सब खेल चल रहा है। वन विभाग ने जंगल की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रधान पति पर चार प्राथमिकी दर्ज कराया है। हालांकि इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। सिरसी के रेंजर मनीष कुमार ¨सह ने बताया कि कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया गया है। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्रोत-https://www.jagran.com/uttar-pradesh/mirzapur-14984567.html


Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur