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राजगढ़। इसे ईश्वर की कृपा ही कहेंगे की जंगली सूअर के हमले में घायल हुई सात साल की जिस बालिका को उसके परिजन मृत समझ चुके थे कि एन वक्त पर उसकी थमी सांसे चल पड़ीं। आनन-फानन में बालिका को पहले सोनभद्र जिला अस्पताल और फिर वहां से उसे वाराणसी पहुंचाया गया। जहां बालिका के पेट का आपरेशन किए जाने की बात कही गई। उधर वन विभाग व ग्रामीणों की टीम दूसरे दिन भी जंगली सूअर की तलाश करती रही। राजगढ़ के निकरिका पिपरवार गांव के लोग सोमवार की दोपहर तक सुग्रीव दलित की सात साल की बेटी बच्ची को मृत ही समझ रहे थे। उन्हें बालिका के जीवित होने की जानकारी तब हुई जब वन विभाग की टीम मुआवजा दिलाने के लिए गांव में पहुंची और बालिका के परिजनों की खोजबीन शुरू हुई। गांव के निवासी एवं बसपा नेता कृष्ण कुमार ने बताया कि ईश्वर की कृपा से बच्ची जी उठी है और उसके पेट का आपरेशन सोमवार को वाराणसी के एक अस्पताल में कराया गया। इसके लिए रुपये का प्रबंध करने सुग्रीव दलित सोमवार को घर आया था और बेटी की जान बचाने के लिए करीब चालीस हजार रुपए की व्यवस्था कर वापस वाराणसी चला गया। वन विभाग की टीम में रामशृंगार तिवारी वन रक्षक व मनोज कुमार फारेस्ट गार्ड आदि शामिल रहे। उधर सोमवार को भी जंगली सूअर की तलाश बकहर नाले के किनारे होती रही। क्षेत्र के निकरिका, पिपरवार व चौखड़ा गांव के लोग कई घंटे तक सूअर को खोजते रहे लेकिन वह नहीं मिला।

स्रोत-https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/mirzapur/Mirzapur-74439-62


Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur