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जिगना। क्षेत्र में किसानों के लिए नील गाय व छुट्टा पशु मुसीबत बन गए हैं। वे फसलों को बर्बाद कर रहें हैं। किसानों ने कई बार छुट्टा पशुओं तथा नील गायों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन हुआ कुछ नहीं। 
छानबे क्षेत्र में नील गायों व छुट्टा पशुओं की संख्या बढ़ गई है। एक तरफ वे फसलें बर्बाद कर किसानों को क्षति पहुंचा रहे हैं दूसरी तरफ दुर्घटना करके लोगों को घायल कर रहे हैं। नील गायों से बचने के लिए किसान फसलों के बीच आदमी का पुतला बना कर भले ही खडा कर दे रहे हैं, लेकिन इसका जानवरों पर कोई असर नहीं हो रहा है। इस बारे में कृषक हरिप्रसाद दुबे, शिवचंद्र मिश्र, शशिभूषण पाठक, भुपेंद्र शुक्ल, शशीशंकर मिश्र, पन्नालाल पटेल, सुरेश दुबे, अमरनाथ तिवारी, गणेश गिरी, शिवशंकर तिवारी, नागेंद्र सिंह, पप्पू सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह एवं राजेश सिंह आदि दर्जनों किसानों का कहना है कि फसलों को बचाने के लिए कितना भी उपाय किया जाय फिर भी नील गाय व छुट्टा पशु फसलें नुकसान कर दे रहे हैं। किसानों को प्रति वर्ष क्षति का सामना करना पड़ता है। किसानों की मांग पर जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है। किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित करते हुए नील गायों व अवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है।

स्रोत-https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/mirzapur/21512498714-mirzapur-news


Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur