मिर्जापुर के सोनपुर गांव में बिरजू बिंद के घर में घुसे तेंदुए को 36 घंटे बाद बुधवार की शाम पकड़ लिया गया। कानपुर और लखनऊ से आई विशेषज्ञों की टीम ने ट्रेंकुलाइजर के माध्यम से उसे बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद शिकंजे में लिया। उसकी हालत थोड़ी ठीक होने के बाद मध्यप्रदेश के जंगल में छोड़ा जाएगा।सोनपुर में मंगलवार की सुबह करीब छह बजे घुसे तेंदुए ने सबसे पहले शौच के लिए जा रहे चौथी सोनकर (40) पर हमला करके घायल कर दिया। लोगों के दौड़ाने पर पीपल के पेड़ पर चढ़ गया। कई घंटे तक यहां रहने के बाद जब वन विभाग की टीम पहुंची तो पेड़ से नीचे उतरा और जंगल की ओर भागते समय अमरावती देवी (35 वर्ष) को घायल कर दिया।शाम चार बजे दोबारा तेंदुआ बस्ती में दिखा तो लोगों ने शोर मचाया। शोरगुल पर तेंदुआ बिरजू बिंद के मड़हे में घुस गया। वन विभाग की टीमों ने मड़हे को घेर कर चारों तरफ से जाल लगा दिया। उसे किसी तरह पिंजड़े में पकड़ने की कोशिश भी शुरू हो गई। पीएसी के साथ एसडीएम चुनार अवधेश मिश्रा, सीओ नक्सल संजय चौधरी और किसी अप्रिय घटना के मद्देनजर एम्बुलेंस भी बुला ली गई।तेंदुआ को पकड़ने में सफलता नहीं मिलने पर लखनऊ और कानपुर से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई। वहां से पहुंचे नितेश कुमार पाण्डेय, प्रताप बहादुर सिंह, पशु चिकित्सक डा. नासिर शाम आदि ने उसे पकड़ने की तैयारी की। करीब छह बजे तेंदुआ के लिए खाने और पीने का कुछ इंतजाम किया गया और ट्रैकुलाइजर के निशाने पर ले लिया गया। तेंदुआ के दिखाई देते ही इंजेक्शन दाग दिया। तेंदुआ के बेहोश होते ही उसे बाहर निकाला गया और पिंजरे में बंद कर दिया गया।डीएफओ केके पाण्डेय के अनुसार तेंदुए को मध्यप्रदेश के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा।
स्रोत-https://www.livehindustan.com/news/uttarpradesh/article1-mirzapur-sonepur-village-leopard-tree-forest-department-police-team-537048.html