Vindhyan Ecology and Natural History Foundation- Animated Header

screenshot epaper.livehindustan.com 2018.04.09 14 52 06

हालिया-मिर्ज़ापुर और इलाहाबाद के डेढ़ लाख हेक्टेयर छेत्रफल की सिचाई वाली 32सौ करोड़ रुपये की परियोजना के तहत नहरों में छोड़े गए पानी की सार्थकर्ता सिद्ध होने लगी है ! पानी के आभाव में भटक रहे जंगली जानवरों को इससे बहुत राहत मिली है !इसका प्रमाण रविवार को दोपहर में जंगल के मध्य स्थित हालिया ब्लाक दे सागर गाव में देखा गया !यहाँ जंगल में पानी पिने के लिए आया बारहसिंघा नहर में उतर गया !इसके बाद वह बाहर नहीं निकल पा रहा था !इसकी जानकारी होने पर हालिया के रेंजर भास्कर पाण्डेय टीम के साथ पहुंचे और सिमिन्तेड नहर से बारहसिंघा को निकलवाकर जंगल में छोड़वाये !बाड़ सागर नाहर परियोजना की ओर से पहले अदवा बांध में अब उससे मेजा बांध में पानी छोड़ा गया है !विभाग की ओर से पक्की नहर का निर्माण करा उसमे पानी छोड़ा गया है जंगल मध्य से गुजरी नहर ने जंगली जीवो को बड़ी राहत दी है !

स्रोत-http://epaper.livehindustan.com/story.aspx?id=2666479&boxid=145992074&ed_date=2018-04-09&ed_code=77&ed_page=4


Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur