जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विध्याचल के पक्का घाट, दीवान घाट, अखाड़ा घाट, इमली घाट पर इन दिनों प्रवासी साइबेरियन पक्षियों का जमावड़ा होने लगा है। मां विध्यवासिनी का दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यह सुखद अहसास है। साथ ही स्थानीय सैलानियों का हुजूम भी इन पक्षियों को देखने के लिए पहुंच रहा है। प्रतिवर्ष आने वाले इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए भी प्रशासन व स्थानीय आम जनमानस चैतन्य रहता है।
विध्याचल क्षेत्र में इन दिनों साइबेरियन पक्षियों की आमद देखी जा रही है। सात समंदर पार से हर वर्ष आने वाले पक्षियों की तादात इस वर्ष ज्यादा है। करीब दो हजार किलोमीटर की यात्रा कर हर वर्ष आने वाले इन पक्षियों के बारे में जानने की जिज्ञासा लिए छात्र भी यहां पहुंचते हैं। पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि हर वर्ष अक्टूबर महीने से ही साइबेरियन पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। इस बार भी गलन बढ़ने के साथ ही उनका आगमन होने लगा है। यह पक्षी तीन महीने बाद गरमी शुरू होते ही वापस अपने देश चले जाते हैं। जिला प्रशासन द्वारा इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए भी प्रबंध किए जाते हैं ताकि कोई इनका शिकार न कर सके। साथ ही स्थानीय लोग भी इन पक्षियों के प्रति संजीदगी दिखाते हैं और हर संभव इनकी रक्षा के लिए कार्य करते हैं। विध्याचल में रहने वाले अभिषेक मिश्रा ने बताया कि इन पक्षियों का यहां आना शुभ माना जाता है।
सेल्फी लेने वालों की भीड़
विध्याचल के गंगा तटों पर जलधारा में अठखेलियां करते पक्षियों को लोग काफी देर तक निहारते हैं। इस खूबसूरत नजारे को कैमरे में कैद करने के लिए होड़ मची रहती है। यहां पहुंचने वाले सैलानी पक्षियों के साथ सेल्फी लेने के लिए कई एंगल से तस्वीरें लेते हैं। स्थानीय फोटोग्राफर्स के लिए भी यह सुनहरा अवसर होता है।
पक्षियों के करतब होते हैं खास
स्थानीय नाविकों ने बताया कि इन पक्षियों की जुगलबंदी गजब की होती है। नाव पर सवार सैलानी जब गंगा की धारा में कुछ नमकीन आदि गिराते हैं तो पक्षियों का पूरा झुंड वहां पहुंच जाता है। इस दौरान शानदार तस्वीरें बनती हैं और सैलानियों का आनंद दुगुना हो जाता है। इसके साथ ही इनकी मधुर आवाज भी लोगों को आकर्षित करती है।