सोनभद्र जिले के घोरावल तहसील क्षेत्र के पश्चिमी सीमा पर स्थित जंगलों से सटे मिर्जापुर जिला के हलिया के जंगलों में तेंदुए की गतिविधियों का सुराग मिलने से वन विभाग एवं इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। वन विभाग क्षेत्र में जागरुकता अभियान चला रहा है।
घोरावल क्षेत्र के पश्चिम में तेंदुहार, तेंदुआ, परसौना, मजूरही, लाली, मूर्तिया, उभ्भा इत्यादि गांव जंगल के पास बसे हैं। वहीं, सीमा पार हलिया (मिर्जापुर) के जंगल पड़ता है। घोरावल रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सुरजू प्रसाद ने बताया कि पिछले दिनों घोरावल की सीमा से सटे हलिया के जंगलों में तेंदुए के पदचिह्न पाए गए हैं। इससे इलाके में तेंदुए की गतिविधियां बढ़ने की आशंका है।
चूंकि, घोरावल की पश्चिमी सीमा हलिया के जंगलों से सटी हुई है। ऐसे में तेंदुहार, परसौना, मूर्तिया इत्यादि के जंगलों एवं आस पास के इलाकों में तेंदुआ कभी भी धमक सकता है। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि दो दिन पहले इस संबंध में ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान चलाते हुए गोष्ठी भी आयोजित की गई थी।
इस गोष्ठी में तेंदुआ, भालू जैसे जंगली जीवों से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करते हुए उन्हें तमाम उपाय बताए गए थे। गोष्ठी में ग्रामीणों से अपील की गई कि तेंदुए के मूवमेंट की आशंका के मद्देनजर वे सावधान रहें। रात में घरों में रहें और दरवाजे बंद रखें।
जंगलों में और उसके आसपास जाने से बचें। यदि जंगल में अथवा जंगल के रास्ते जाना आवश्यक हो तो हमेशा समूह में ही जाएं। मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर रखें। उन्होंने कहा कि घोरावल के पश्चिमी क्षेत्र में तेंदुए, भालू जैसे जंगली जानवरों से बचाव के लिए लगातार अभियान चलाया जाएगा।
दो साल पहले नौगढ़वा के जंगल में निकला था तेंदुआ
दो साल पहले 23 मार्च 2019 को घोरावल कोतवाली क्षेत्र में मिर्जापुर-सोनभद्र की सीमा पर जंगली क्षेत्र से सटे नौगढ़वा निवासी रामबाबू गोंड़ (22) पुत्र राजाराम गोंड़ शनिवार सुबह शौच करने के लिए बलुई बंधा की तरफ गया हुआ था।शौच करने के दौरान उसने देखा कि आधे दर्जन कुत्ते गेहूं की खेत की तरफ मुंह कर लगातार जोर जोर से भौंक रहे हैं, लेकिन उसे माजरा समझ में नही आया।
रामबाबू जब शौच कर वापस लौटने लगा उसी दौरान गेहूं के खेत में से अचानक एक तेंदुआ निकला और कुत्तों को दौड़ा लिया। तेंदुए ने एक कुत्ते को दबोच लिया। तेंदुआ देख रामबाबू भागने लगा, लेकिन इसी बीच तेंदुए ने कुत्ते को छोड़कर रामबाबू पर झपट्टा मार दिया, तेंदुए के हमले में रामबाबू के सीने, पीठ हांथ इत्यादि में कई जगहों पर खरोंच आई है।