राजगढ़ क्षेत्र के गांवों एवं जंगलों में प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है। दिन के समय खुलेआम जंगलों में लगे पेड़ों को काटा जा रहा और रात के समय यह अवैध कारोबार करने वाले लकड़ियों की ढुलाई कर रहे हैं। अवैध कारोबारी जंगलों से पेड़ों की कटाई करते हैं और उसे आरा मशीनों एवं हलवाई की दुकानों पर ऊंचे दामों में बेच देते हैं। यह आरोप क्षेत्र के लोगों ने लगाते हुए बताया कि इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
बताया कि इन दिनों ग्राम भवानीपुर ,दरबान ,चौखड़ा, रामपुर ,निकरिका सहित अन्य गांवों में पेड़ों की अंधाधुंध अवैध कटाई चल रही है। इसकी जानकारी होते हुए भी वन विभाग अंजान बना बैठा है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि अवैध कारोबारी दिनदहाड़े पेड़ों को काटकर वहीं पर छोड़ देते हैं। इसके बाद रात के दूसरे पहर में इसका परिवहन किया जाता है। क्षेत्र के कई गांव में दोपहर को अभी भी कटाई की जा रही है। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि पौधे सालों बाद विकसित होकर पेड़ का रूप लेते हैं। जिससे पर्यावरण के साथ लोगों को ही कई फायदे मिलते हैं। लेकिन थोड़े रुपयों के लालच में उसे काटा जा रहा है। जिस पर रोक नहीं लग रही। ग्रामीण क्षेत्र के व्यस्ततम आवाजाही वाले क्षेत्रों में वन माफिया खुलेआम हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला रहे हैं। एक ओर शासन-प्रशासन पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ का नारा बुलंद कर रहा है। दूसरी ओर इसकी रक्षा की लिए तैनात वनकर्मियों के सह पर पेड़ों को काटा जा रहा। जानकारी के अनुसार हरे-भरे पेड़ों को काटकर आरा मशीनों में बेचा रहा है।
स्रोत - https://www.jagran.com/uttar-pradesh/mirzapur-harvesting-of-green-trees-from-forests-action-not-being-taken-19667192.html