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Jagran pig

मीरजापुर, जेएनएन। राजगढ़ क्षेत्र के सुकृत वन रेंज अंतर्गत जंगलों के समीप गांवों में देसी बम से जंगली सुकरों का शिकार ठंड शुरू होते ही प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी शुरू हो गया है। ठंड में ही जंगली सूकर जंगल से सटे हुए किसानों के खेत में चरने के लिए आ जाते है। जिससे शिकारी देसी बम के गोले या पतले तारों का फंदा बनाकर जंगली सुकरों का शिकार आसानी से कर लेते हैं। इनका शिकार भोजन के लिए किया जाता है। शुक्रवार की सुबह जंगलों में देसी बम विस्फोट कर सूकर को शिकार बनाया गया।जबकि पास में ही स्थानीय वन चौकी बनी हुई है। यह आरोप लगाते हुए क्षेत्रीयजनों ने ऐसे शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अब ठंड शुरू हो गई है वन क्षेत्र में जंगली सुकरों का शिकार प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी तेजी से किया जाएगा। को कुछ लोग शौकिया तो कुछ खाने के लिए शिकार कर रहे हैं। खतरनाक जानवर होने से इनको मारना आसान नहीं होता है। इसके शिकार पर प्रतिबंध भी है। इसलिए इनके शिकार के लिए नया तरीका ईजाद किया गया है।

सुगंधित पदार्थ के साथ देसी बम का इस्तेमाल किया जाता है। सुकरों के पदचिह्नों के स्थान पर इन बमों को रख दिया जाता है। जानवर इसकी सुगंध से वहां आ जाते हैं। वे इसे खाने की वस्तु समझते हैं। मुंह में डालते ही यह विस्फोट के साथ फट जाता है। सिर उडऩे के साथ हीं वे वहीं गिर जाते हैं। बम रखने के बाद शिकारी आसपास में हीं छुपे रहते हैं। विस्फोट की आवाज सुनकर वे मौके पर जाते हैं और शिकार को लेकर चले जाते हैं। सूत्रों के अनुसार शिकार का यह तरीका पिछले कई वर्षों से लोगों ने ईजाद किया है। यह अनोखे सुगंधित बम बनाने की तकनीक भी इन्हीं लोगों के पास है।

बोले अधिकारी : मामला संज्ञान में नहीं है यदि ऐसा किया जाता है तो आरोपितों के खिलाफ कड़ी से कार्रवाई की जाएगी। जंगली जानवरों को अधिकारी किसी को नहीं है। -राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी सुकृत वन रेंज।

स्रोत : https://www.jagran.com/uttar-pradesh/varanasi-city-wild-pig-capture-after-desi-bomb-blast-in-mirzapur-sukrit-forest-range-19718107.html  


Inventory of Traditional/Medicinal Plants in Mirzapur