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साधारण नाम: गधापूर्ण / बिसखपरा / गधा कंद (Spreading Hog-weed / Common Hogweed)
वैज्ञानिक नाम: Boerhavia diffusa
पारम्परिक उपयोग:
पारम्परिक उपयोग:
- पूरे पौधे का उपयोग पारम्परिक चिकित्सा में किया जाता है।
- पत्ती का उपयोग सर्पदंश में किया जाता है तथा जड़ का उपयोग शरीर में सूजन होने पर किया जाता है।
- आम तौर पर ड्रॉप्सी और मूत्र विकारों के उपचार में उपयोग किया जाता है.
- पूरे पौधे का काढ़ा पानी वाली सूजन में उपयोग किया जाता है।
- सूखे पौधे के पाउडर का उपयोग पेट के कैंसर और ट्यूमर में किया जाता है।
- रतौंधी को ठीक करने के लिए जड़ों और पत्तों की राख का उपयोग होता है।
- इसके बीज और पौधे के फूलों का उपयोग आयुर्वेद में गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है।
- इनका उपयोग रक्त को शुद्ध करने और प्रसव के बाद रक्तस्राव रोकने के लिए इसके पेस्ट काउपयोग किया जाता है।
- सरसों के तेल में इसके पत्तों का सूखा पाउडर मिलाकर खुजली और एक्जिमा पर उपयोग किया जाता है।
- पत्तियों को भूखबढ़ाने के लिए खाया जाता है।
- कोमल पत्तियों को सब्जी के रूप में पकाया जाता है।
- बवासीर को ठीक करने के लिए इसकी पत्तियों या पूरे पौधे से तैयार सब्जी का उपयोग किया जाता है।
स्रोत :
- Anil Kumar Dhiman (2006), Ayurvedic drug plants, Daya Publishing House, Delhi
- https://indiabiodiversity.org/species/show/32997
- https://en.wikipedia.org/wiki/Boerhavia_diffusa
- https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/2/23/Boerhavia_diffusa_in_AP_W2_IMG_8087.jpg
- https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Boerhavia_diffusa_-_Red_Spiderling_at_Lokanarkavu_2018_(4).jpg
साधारण नाम: गधापूर्ण / बिसखपरा / गधा कंद (Spreading Hog-weed / Common Hogweed)
वैज्ञानिक नाम: Boerhavia diffusa
पारम्परिक उपयोग:
पूरे पौधे का उपयोग पारम्परिक चिकित्सा में किया जाता है।
पत्ती का उपयोग सर्पदंश में किया जाता है तथा जड़ का उपयोग शरीर में सूजन होने पर किया जाता है।
आम तौर पर ड्रॉप्सी और मूत्र विकारों के उपचार में उपयोग किया जाता है.
पूरे पौधे का काढ़ा पानी वाली सूजन में उपयोग किया जाता है।
सूखे पौधे के पाउडर का उपयोग पेट के कैंसर और ट्यूमर में किया जाता है।
रतौंधी को ठीक करने के लिए जड़ों और पत्तों की राख का उपयोग होता है।
इसके बीज और पौधे के फूलों का उपयोग आयुर्वेद में गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है।
इनका उपयोग रक्त को शुद्ध करने और प्रसव के बाद रक्तस्राव रोकने के लिए इसके पेस्ट काउपयोग किया जाता है।
सरसों के तेल में इसके पत्तों का सूखा पाउडर मिलाकर खुजली और एक्जिमा पर उपयोग किया जाता है।
पत्तियों को भूखबढ़ाने के लिए खाया जाता है।
कोमल पत्तियों को सब्जी के रूप में पकाया जाता है।
बवासीर को ठीक करने के लिए इसकी पत्तियों या पूरे पौधे से तैयार सब्जी का उपयोग किया जाता है।
स्रोत :
Anil Kumar Dhiman (2006), Ayurvedic drug plants, Daya Publishing House, Delhi
https://indiabiodiversity.org/species/show/32997
https://en.wikipedia.org/wiki/Boerhavia_diffusa
https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/2/23/Boerhavia_diffusa_in_AP_W2_IMG_8087.jpg
https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Boerhavia_diffusa_-_Red_Spiderling_at_Lokanarkavu_2018_(4).jpg
पारम्परिक उपयोग:
पूरे पौधे का उपयोग पारम्परिक चिकित्सा में किया जाता है।
पत्ती का उपयोग सर्पदंश में किया जाता है तथा जड़ का उपयोग शरीर में सूजन होने पर किया जाता है।
आम तौर पर ड्रॉप्सी और मूत्र विकारों के उपचार में उपयोग किया जाता है.
पूरे पौधे का काढ़ा पानी वाली सूजन में उपयोग किया जाता है।
सूखे पौधे के पाउडर का उपयोग पेट के कैंसर और ट्यूमर में किया जाता है।
रतौंधी को ठीक करने के लिए जड़ों और पत्तों की राख का उपयोग होता है।
इसके बीज और पौधे के फूलों का उपयोग आयुर्वेद में गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है।
इनका उपयोग रक्त को शुद्ध करने और प्रसव के बाद रक्तस्राव रोकने के लिए इसके पेस्ट काउपयोग किया जाता है।
सरसों के तेल में इसके पत्तों का सूखा पाउडर मिलाकर खुजली और एक्जिमा पर उपयोग किया जाता है।
पत्तियों को भूखबढ़ाने के लिए खाया जाता है।
कोमल पत्तियों को सब्जी के रूप में पकाया जाता है।
बवासीर को ठीक करने के लिए इसकी पत्तियों या पूरे पौधे से तैयार सब्जी का उपयोग किया जाता है।
स्रोत :
Anil Kumar Dhiman (2006), Ayurvedic drug plants, Daya Publishing House, Delhi
https://indiabiodiversity.org/species/show/32997
https://en.wikipedia.org/wiki/Boerhavia_diffusa
https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/2/23/Boerhavia_diffusa_in_AP_W2_IMG_8087.jpg
https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Boerhavia_diffusa_-_Red_Spiderling_at_Lokanarkavu_2018_(4).jpg