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साधारण नाम: बरगद/ बर/ वट वृक्ष (Banyan Tree)
वैज्ञानिक नाम: Ficus bengalensis
पारम्परिक उपयोग:
- बरगद के बीज, दूधिया रस, छाल और हवाई जड़ों के नरम छोर का उपयोग होता है।
- इसके पत्तों का लेप फोड़े पर लगाया जाता है।
- दूधिया रस को दर्द, गठिया, अल्सर और पैरों की फटी एड़ी और तलवों पर लगाया जाता है।
- दूधिया रस का उपयोग दांत दर्द में किया जाता है तथा तिल के तेल के साथ मिलाकर जननांग रोगों में लगाया जाता है।
- जड़ के पेस्ट को बालों को लंबा करने के लिए खोपड़ी पर लगाया जाता है।
- छाल को एक अच्छा टॉनिक माना जाता है, जो डायबिटीज, पेचिश, प्रमेह और वीर्य की कमजोरी में प्रभावी है।
- काली मिर्च के साथ छाल का उपयोग सर्पदंश में भी किया जाता है।
- फलों के साथ टहनियों का रस एक कामोद्दीपक के रूप में उपयोग किया जाता है जो शुक्राणुशोथ और प्रमेह में भी उपयोगी है।
- कुछ अन्य जड़ी-बूटियों के साथ इसकी छाल का उपयोग कुल्ला (गरारा) के रूप में तथा अल्सर की सफाई और ल्यूकोरिया में किया जाता है।
- पूरे देश में बरगद के दूधिया रस को पेचिश के उपचार में उपयोग किया जाता है।
- उड़ीसा में बवासीर के इलाज के लिए गाय के दूध में उबली हुई हवाई (अवस्तम्भ) जड़ों की नोक से तैयार गर्म काढ़ा दिया जाता है।
- पेचिश और दस्त में काले नमक के साथ इसकी हवाई जड़ों का पाउडर घरेलू उपचार के रूप में दिया जाता है।
- उड़ीसा में, इसके सूखे फलों का चूर्ण शहद के साथ शुक्राणुशोथ में एक हफ्ते तक दिन में दो बार लिया जाता है।
- उड़ीसा के आदिवासी याददाश्त बढ़ाने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए 20 मिलीलीटर दही में 10 ग्राम हवाई जड़ों के पाउडर लेते हैं।
- उत्तर प्रदेश के आदिवासी उल्टी रोकने के लिए हवाई जड़ों के राख और मिश्री की एक-एक चम्मच पानी के साथ लेते हैं।
स्रोत :
- Anil Kumar Dhiman (2006), Ayurvedic drug plants, Daya Publishing House, Delhi
- By PJeganathan - Own work, CC BY-SA 4.0, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=53947857
- By Teacher1943, CC BY-SA 3.0, https://en.wikipedia.org/w/index.php?curid=45272960
- https://www.flickr.com/photos/dinesh_valke/3297702072
- By J.M.Garg - Own work, CC BY-SA 3.0, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=4187874
- By P Jeganathan - Own work, CC BY-SA 4.0, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=69476875