ETV MP/Chhattisgarh | Zulfikar Ali | Mon Apr 27, 2015 | http://hindi.news18.com/news/chhattisgarh/kanhar-dam-protest-fast-in-chhattisgarh-454427.html
उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर बन रहे कन्हार बांध को लेकर छत्तीसगढ़ में विरोध तेज हो गया है. 14 अप्रैल को पुलिस फायरिंग के बाद छत्तीसगढ़ बचाव आंदोलन की एक टीम ने मौके का दौरा एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की सुधा भारद्वाज ने सोमवार को बताया कि कन्हार बांध को लेकर 1976 में अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई और 1983 में 2700 रुपए एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि दी गई थी, लेकिन कई कारणों से परियोजना को रोक दिया गया और अचानक दिसंबर 2014 में कन्हार बांध का काम फिर शुरू कर दिया गया. जिसका गांव वाले विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बांध के निर्माण में वन अधिकार, भूमि अधिग्रहण कानून समेत अन्य कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है और बांध का निर्माण पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुचित है.
गौरतलब है कि कन्हार बांध परियोजना में बलरामपुर के 12 गांव पूर्ण डूब और 6 गांव आंशिक डूब में आ रहे हैं. इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है, जबकि अब ये बात कही जा रही है कि किसी परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन पर 5 साल तक काम नहीं होने पर वो जमीन मूल मालिक की हो जाती है.