12th June, 2015 | http://www.jagran.com/uttar-pradesh/sonbhadra-12472451.html
दुद्धी (सोनभद्र): छत्तीसगढ़ में हुई बारिश की वजह से कनहर व पांगन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी की पतली जलधार का दायरा अब लगभग दस से बारह फीट फैलाव में हो गया है। पानी का बहाव शुरू होने से बांध के भींटे के निर्माण ने एक बार फिर गति पकड़ ली है। तीन दिन पूर्व जिस जल संकट की वजह से मिट्टी का काम बंद होने की कगार पर पहुंच रहा था वहां अब तेजी आ गई है। इसके अलावा परियोजना स्थल पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मियों में अचानक जलस्तर बढ़ने से सुरक्षा इंतजाम को लेकर गहन मंत्रणा भी शुरू हो गई है।
छत्तीसगढ़ की पहाड़ी नदी व नालों को लेकर बहने वाली कनहर व पांगन के संगम तट पर कनहर परियोजना के स्पिलवे के बुनियाद को रात दिन एक करके भरा जा रहा है। मुख्य बांध पर चौबीस घंटे चलने वाले निर्माण कार्य के पीछे परियोजना के अधिकारियों का उद्देश्य है कि किसी भी हाल में बारिश होने के पूर्व बुनियाद का काम समाप्त कर दिया जाए जिससे नदी में बाढ़ आने के बाद वहां से बालू हटाने व साफ-सफाई में अधिक धन व्यय न करना पड़े। जून माह के अंतिम सप्ताह तक लक्ष्य प्राप्ति के लिए मुख्य बांध पर दो शिफ्ट में काम कराया जा रहा है। ऐसे में अचानक छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में हुई बारिश का पानी आने से अधिकारियों व कर्मचारियों की ¨चता बढ़ गई है। इस पर लगातार नजर रखी जा रही हैं।
खतरे की घंटी
कनहर व पांगन नदी में संयमित रूप में बहने वाली जलधारा छत्तीसगढ़ इलाके में बारिश के बाद अचानक जलसैलाब का रूप ले लेती है। जो निर्माणाधीन परियोजना के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। इस बात को देखते हुए महकमा पखवारे भर पूर्व से ही तैयारी में जुटा हुआ है।
क्या है सुरक्षा इंतजाम
¨सचाई महकमे के अधिकारियों ने बताया कि कनहर व पांगन के पूर्व की स्थिति को देखते हुए रणनीति तैयार की गई है। निर्माणाधीन बांध स्थल से करीब पांच किमी पूर्व नदी की जलधारा पर प्रति घंटे निगाह रखी जा रही है। इसके लिए बकायदे आधुनिक उपकरणों के साथ वाचर की तैनाती की गई है। नदी के प्रति घंटे की रिपोर्ट कार्ड बनाने के साथ ही आपात स्थिति में सेलफोन व वाकीटाकी के माध्यम से सूचना प्रसारित की जाएगी। इसके अलावा निर्माणस्थल पर सायरन लगाने के साथ ही वहां काम कर रहे श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे समय रहते लोग अपने जानमाल की सुरक्षा कर सकें।